सहायक प्रशिक्षण केंद्र, सीमा सुरक्षा बल, मेरु हजारीबाग के ‘रानी झांसी परेड ग्राउंड’ में दिनांक 23 नवंबर 2024 (शनिवार) को सीमा सुरक्षा बल के 356 नवआरक्षकों (सहायक प्रशिक्षण केंद्र, सीमा सुरक्षा बल, हजारीबाग के बैच संख्या 165 एवं 166) जो कि भारत के विभिन्न प्रांतो, जैसे- केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक इत्यादि से हैं, 44 सप्ताह के कठिन परिश्रम, लगन एवं साधना के पश्चात बुनियादी प्रशिक्षण पूर्ण कर दीक्षांत परेड में शामिल हुए हैं।
श्री कमलजीत सिंह बनयाल, महानिरीक्षक, सहायक प्रशिक्षण केन्द्र एवं प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय, सीमा सुरक्षा बल, हजारीबाग ने मुख्य अतिथि के रूप में दीक्षांत परेड की सलामी ली इस अवसर पर जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, लोक प्रतिनिधि सहित संस्थान के अन्य अधिकारीगण एवं नवआरक्षकों के परिजन उपस्थित रहे।
दीक्षांत परेड में शामिल 356 नवआरक्षकों ने राष्ट्रीय ध्वज के समक्ष संविधान की शपथ ली एवं राष्ट्र की एकता, अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने के लिए खुद को समर्पित करने का प्रण लिया समारोह के दौरान शानदार ड्रिल और मार्च पास्ट कर नवआरक्षकों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया इस दौरान मुख्य अतिथि ने सर्वोत्तम नवआरक्षक समेत विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नवआरक्षकों को पुरस्कार प्रदान कर उनका मनोबल बढ़ाया।
बतौर मुख्य अतिथि श्री कमलजीत सिंह बनयाल, महानिरीक्षक महोदय ने अपने संबोधन में नवआरक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि, आज के दीक्षांत परेड के बाद वे औपचारिक तौर पर, सीमा सुरक्षा बल जो कि भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति है, के महत्वपूर्ण सदस्य बन गए हैं और बल में, कर्तव्य निर्वहन के लिए प्रथम कदम रखने जा रहे हैं उन्होंने नवआरक्षकों के माता-पिता एवं परिजनों को भी बधाई देते हुए कहा की अपने अपने सपूतों को सीमा सुरक्षा बल में भेजकर राष्ट्र-सेवा के कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है उन्होंने सहायक प्रशिक्षण केंद्र के कुशल अनुदेशकों की टीम को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सराहना की।
दीक्षांत परेड के उपरांत बीएसएफ बैंड की धुन ने दर्शकों को काफी आकर्षित किया इसके अलावा जवानों के द्वारा वेपन हैंडलिंग, केरल राज्य के मार्शल आर्ट कलारी पट्टू तथा केंद्रीय विद्यालय, मेरु एवं माउंट लिट्रा सिलवार के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसे देखकर उपस्थित लोगों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।