प्रधानमंत्री मोदी साहब का हजारीबाग में जोहार निवेदन है की ओबीसी हरिजन से सौतेला व्यवहार को समाप्त करें-डॉ मेहता

हजारीबाग- संपूर्ण भारत  में 27% आरक्षण ओबीसी को दिया जाता है परंतु झारखंड एक ऐसा राज है जहां 27 की जगह 14 परसेंट ओबीसी को आरक्षण दिया जाता है विभाजित बिहार में 27 परसेंट आरक्षण दिया जाता था परंतु प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी साहब ने ओबीसी का आरक्षण घटकर 14% किए हैं अनुसूचित जाति का आरक्षण 15% था जिसे घटकर 12% किए है ।झारखंड कैबिनेट द्वारा 27% ओबीसी का एवं 15% अनुसूचित जाति का विधेयक पास कर भेजा गया है जो केंद्र सरकार के पास पेंडिंग है प्रधानमंत्री के आगमन पर मैं जनहित हेतु मांग करता हूं की जो सौतेला व्यवहार पिछड़ी दलितों के साथ किया जा रहा है उसको निरस्त करें।

यह बातें हजारीबाग सदर विधानसभा के इंडिया गठबंधन के पूर्व  उपविजेता डॉ आरसी मेहता ने दारू प्रखंड के गोपालो गांव में कहा डॉ मेहता ने मोदी साहब से मांग करते हुए कहां की हजारीबाग में केंद्रीय शिक्षण संस्थान, केंद्रीय मेडिकल संस्थान एम्स दे। केंद्रीय विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग संस्थान दे।बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करावे। यहां कल कारखाने औद्योगिक संस्थान दिया जाए जिससे बेरोजगार को रोजगार मिलेगा।

मोदी साहब प्रधानमंत्री बनने से पूर्व कहा करते थे भ्रष्टाचार का जीरो टॉलरेंस होगा, ना खाऊंगा ना खाने दूंगा परंतु 2014 के बाद बाद देश में भ्रष्टाचार चारगुना बढ़ चुका है 2014 में भारत विश्व का 63वा भ्रष्ट देश था और आज 86वा नंबर पर है भ्रष्टाचार का सबसे बुरा असर गरीब किसान मजदूर छोटे व्यापारी बेरोजगारों पर पड़ रहा है संपूर्ण देश में भ्रष्टाचार से नौकरियों हेतु परीक्षा का कॉपी लिक तथा अनेकों गैर कानूनी काम हो रहा है आज किसान दुःख  का फसल काट रहे हैं।

किसान का पर्यायवाचीय शब्द फटेहाल गरीब है बड़े किसान लोक लाज बचाते हुए नगरों में मजदूरी करने पर विवस है। किसानों के हित के लिए मोदी सरकार कानून बना कर किसानों को खुशहाल बनावे। महंगाई चार गुना बढ़ चुका है 400 का गैस सिलेंडर 1100 हो चुका है पेट्रोलियम पदार्थ दोगुना बढ़ चुकी है खाने के पीने के पदार्थ चार गुना महंगा हो चुका है किताब कॉपी विद्यार्थियों के सामग्री पर 18% टैक्स लग रहा है जिससे गरीब छात्र पढ़ाई छोड़ने पर वीवस है।

आज भ्रष्टाचार से लोग तरस्ट हैं 14 से पहले म्यूटेशन की सलामी ₹200 हुआ करता था जो आज बढ़कर ₹20000 हो चुका है एलपीसी में मुंह मंगा ले रहे हैं 50% कर्मचारी काम करने के एवज में रिश्वत लेते हैं और नहीं काम करने के बदले में वेतन लेते हैं देश में बिना रिश्वत के नहीं के बराबर काम होता है रिश्वत देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है।

सरकारी संस्थाओं को निजीकरण करना वैसा ही है जैसा कि किसी खाट मे खटमल होने पर, खटमल मारने कि जगह खाट को ही जला देना है अभी सरकारी कर्मी अच्छा नहीं काम करते हैं उसको सुधारना सरकार का काम है ना कि संस्थान ही प्राइवेट ठेकेदार को देना। निजीकरण उचित प्रतीत नहीं हो रहा है जिस उम्मीद से सभी जात धर्म के लोगों ने मोदी साहब को चाहा वैसा खरा उतरने की जरूरत है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ भुवनेश्वर महतो कमल कुशवाहा एडवोकेट संजय रविदास मुखिया नारायण कुशवाहा राकेश गुप्ता हरिनारायण महतो तुलसी कुशवाहा मौलाना मुख्तार रामचंद्र भुइयां कुलदीप राम प्रकाश कुशवाहा राजेश मांझी नरेश कुशवाहा रामचंद्र कुशवाहा ईश्वर कुशवाहा अशोक कुशवाहा प्रदीप कुशवाह सीता देवी रमणी देवी अनिता कुमारी रेखा देवी इत्यादि सैकड़ो लोग सम्मिलित रहे।

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